स्वाभियान परियोजना
हमारे एनजीओ का मुख्य उद्देश्य अखिल भारतीय स्तर पर किसानों, कारीगरों, आदिवासियों, महिलाओं, सूक्ष्म और लघु उद्यमियों के जीवन में आर्थिक, शैक्षिक और सामाजिक सशक्तिकरण लाना है। उनको शाश्वत सक्षम बनाना यह हैं। सशक्तिकरण का ऐसा कोई भी प्रयास, अगर उसका परिणाम टिकाऊ हों और इसमें प्राप्तकर्ताओं को वित्तीय स्थिरता शामिल हो, तो सफल हो सकता हैं।
आत्मनिर्भर भारत के लिए हमारी एक पहल,
‘स्व’ का ‘अभियान’, “स्वाभियान”!
सभी सहभागी उत्पादकों के स्थायी सशक्तिकरण को प्राप्त करके बरकरार रखने के लिए हमने स्वाभियान के तहत, कई कार्यक्षेत्र प्रभाग शुरू किए हैं। जिसका संक्षिप्त विवरण निचे दिया हैं।
स्वाभियान के प्रमुख अंग
किंकाबज़ार.इन
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वित्तीय स्थिरता और दीर्घकालिक स्थायित्व तभी संभव है जब इसे एक ऐसी प्रणाली से जोडा जाय जिसमें शुरू से अंत तक के सभी पहलूं का समाधान शामिल हों। दिर्घकाल तक सफल बने रहने के लिए, इस प्रकार के पारिस्थितिकी तंत्र को एक उचित प्रक्रिया की आवश्यकता होती है, जिसमें उत्पादकों द्वारा आवश्यक कच्चे माल की खरीद से लेकर उपभोक्ताओं को उनके तैयार उत्पादों का सीधा विपणन और बिक्री तक सभी पहलूँ शामिल और प्रभावी होने चाहिए। अनुमार्गणीय क्षमता प्रणाली एवं गुणवत्ता नियंत्रण इसका एक महत्वपूर्ण भाग हो। यह पूरी प्रक्रिया, बिचौलियों और एजेंटों की किसी भी वर्तमान प्रणाली के बिना काम करनी चाहिए।
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अपने लाभार्थियों के लिए, यह पहले पायदानसे अंतिम पायदान तक के सभी पहलूँका खयाल रखनेवाला एक समुचा पारिस्थितिकी तंत्र हमारे गैर-लाभकारी संगठन, (जो एक सामाजिक उद्यम भी है,) द्वारा निर्मित, निष्पादित, शुरू, और रचा हुआ हैं। इसी कारणवश ऐसी प्रणाली बनाने, नियंत्रित करने और निष्पादित करने के लिए, अत्यंत
आवश्यक ऐसी, निःस्वार्थ शीर्ष संस्था हमने बनायी। हमारी संस्था एक निस्वार्थी सर्वोच्च प्रबंधक के रूप में कार्य कर रही हैं। हालाँकि ऐसी प्रणाली की आत्मनिर्भरता बनाए रखने के लिए परिचालित आय आवश्यक है।
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हमने महसूस किया कि, हमने तैय्यार की हुई प्रणाली तथा व्यवस्था ‘निर्माता-द्वार से, सिधे उपभोक्ता-द्वार’ तक ऐसे सिद्धांत पर आधारित होनी चाहिए, जिसमें कोइ भी बिचौलिए या एजंट नही होंगे। ऐसी व्यवस्था बनाने का उद्देश्य इस व्यवसाय प्रणाली के दोनों सिरों को स्थायी रूप से सशक्त बनाना है, एक तरफ निर्माता हैं और दूसरी तरफ उनके उपभोक्ता हैं।
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इस दिशा में हमने 'स्वाभियान' नाम से एक अनूठी प्रणाली बनाई है जिसे हम पूरे भारत में निस्वार्थ भाव से लागू कर रहे हैं।
हमारा प्रमुख कार्यक्रम
“स्वाभियान”
यह प्रणाली अपने लाभार्थी प्रतिभागियों में आत्म-सम्मान, आत्म-गौरव और आत्मनिर्भरता पैदा करती है। इसलिए, उनके लिए इसे स्व का अभियान या स्वाभियान कहा जाता है|
सामाजिक सशक्तिकरण मंच है जिसका उद्देश्य किसान (किसानों), कारीगर (कारीगरों), महिला उद्यमी, सूक्ष्म और लघु उद्यमी और समाज के आखरी छोर के आम आदमि तक सबके जीवन को स्थायी रूप से बेहतर बनाना है। यह एक बहुआयामी मंच है जो सदस्योंका न केवल आय शाश्वत करता हैं बल्कि इसके लाभार्थीओंका ज्ञान और सामाजिक जिम्मेदारी के स्तर को भी बढ़ाता है। लाभार्थी प्रतिभागी न केवल अपने साथियों के साथ, बल्कि प्रकृति के साथ भी उत्कृष्ट सह-अस्तित्व का महत्व सीखते हैं और उसे अच्छी तरहसे कार्यान्वित भी करते हैं।
स्वाभियान का संपूर्ण दृष्टिकोण, किसान, कारीगर और अन्य उत्पादक, इनके सशक्तिकरण और संपूर्ण भरण-पोषण के लिए सरकार तथा अन्य संस्थाओंके उपर की निर्भरता को धीरे धीरे खतम करना, यह है। एक बार यह हासिल हो जाने पर वे आर्थिक निर्भरता से मुक्ति पाने में सक्षम हो जाएंगे और अपने पैरों पर खड़े हो जाएंगे। शुरुआती दौर में, हमारी स्वाभियान प्रणाली प्रथम, शुद्ध, मिलावट रहित, लैब परीक्षणित एवं प्रमाणित अनाज एवं किराना उत्पाद के क्लस्टर(समुह) आधारित उत्पादन तथा उसके विपणन, वितरण और बिक्रि पर ध्यान केंद्रित करेगी। एफपीसी के सदस्यों द्वारा इसे एकत्रीत करके, और बिना किसी बिचौलिए या एजेंट के, सीधे शहरी उपभोक्ताओं की आपूर्ति की जाएगी। हमने स्वाभियान के तहत इस उद्देश्य के लिए अपना खुद का ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म, किन्काबज़ार.इन को बनाया है। जब की, हमने भारतीय किसानोंके उत्थान और शाश्वत सशक्तिकरण पर ध्यान केंद्रित किया है; तो हमने उपरोक्त उद्देश्यों पर आधारित, उसको सफल करने के लिए “फार्म्स2होम्स” नामक एक अभिनव प्रणाली विकसित की हैं। यह हमारे स्वाभियान योजना का और एक शीर्ष कार्यक्षेत्र है, जो वर्तमान कृषि उत्पादन और बिक्री प्रथाओं को स्थायी रूप से बदल देगा। वर्तमान में हम इस पारिस्थितिकी तंत्र को (इको सिस्टम) अनाज, दालों और अन्य किराने की वस्तुओं पर लागू कर रहे हैं। हम इन किसानों को, सबसे स्वस्थ और शुद्ध गुणवत्ता वाले अनाजोंका उत्पादन, मानवी उपभोग के लिए करने के लिए शिक्षित और मार्गदर्शन करने की पूरी कोशिश करेंगे। उपभोक्ताओं के कल्याण और स्वास्थ्य के लिए कई श्रेणियों के तहत लागू, विभिन्न प्रयोगशाला रिपोर्टों के विवरण और स्पष्टीकरण आगे दिए गए हैं। प्राथमिक उपज जैसे अनाज, दालें, बाजरा आदि के प्रत्येक बैच का प्रयोगशाला में निम्नलिखित परीक्षण रिपोर्ट के लिए परीक्षण किया जाता है| (या तो एक, या सभी) १. ०% विषावशेष २. मान्यताप्राप्त मानदंडों के अनुसार भारी धातुओं की मौजुदगी। ३. गुणवत्ता परीक्षण जो सरकारी मान्यताप्राप्त मानकोंके अनुसार हैं, (हमारे किंकाबज़ार.इन, इस प्रमुख विभाग में इसकी पूरी जानकारी दी हैं।) ४. संदूषण मुक्त फसलें यानी ०% हानिकारक कवक। हम अपने स्वयं के किंकाबज़ार.इन नामक, ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के माध्यम से बेहतर गुणवत्ता वाले अनाज, गुड़ और खाद्य तेल उपलब्ध कराने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ, ईमानदार प्रयास करेंगे। हम धन्य और भाग्यशाली हैं कि इसे माननीय केंद्रिय मंत्री महोदय श्री. नितिन जी गडकरी, राजमार्ग और भारी परिवहन के शुभ हाथों से २४ नवंबर,२०२२ को नागपुर में शुभारंभ किया गया | जिस किसान को, हमारे स्वाभियान कार्यक्रम के सभी लाभ प्राप्त करने है, उसे हमने निर्देशित किये हुए ऐसी स्थानीय किसान उत्पादक संस्था, जिसे कारोबार में हमारा पूरा समर्थन प्राप्त हैं; उसका सदस्य बनना होगा| स्थानीय किसानों के (क्लस्टर) समुह विकास के लिए यह व्यवस्था आवश्यक है। स्वाभियान के किसान सदस्यों को उनके स्थानीय एफपीसी के माध्यम से स्थायी रूप से निम्नलिखित लाभ मिलेंगे। पहले ही वर्ष में इस एफपीसी को ५०० किसानोंको सदस्य बनाना और उनकि कम से कम १००० एकड़ कृषि भूमिको इस कार्यक्रम में जोडना यह कार्य सफल करना होगा। तीसरे वर्ष के अंत तक, उन्हें सदस्यता १००० और कृषि भूमि एकत्रीकरण २००० एकड़ तक बढ़ाने में सक्षम होना चाहिए।
स्वाभियान कार्यक्रमसे किसान सदस्यों को
मिलनेवाले लाभ:
१. किसानोंकि आवश्यक कृषि-निविष्टा जैसेकी बीज, उर्वरक और कृषि-दवाएँ इ. उनके लिए खुदके एफपीसी द्वारा बड़ी मात्रा में खरीद के कारण, सभी ब्रांडेड उत्पाद निर्माताओंसे बाजारभावसे बहुत कम कीमत पर उपलब्ध कराए जाते हैं ( एमआरपी पर 30 से 50% कम)
२. इस कार्यक्रम के तहत, एफपीसी अपने सदस्यों से अनाज, दालें और बाजरा श्रेणीके सभी कृषि-उत्पाद @१००% खरीदेगी। यह वहि सदस्य हैं जिन्है उपरोक्त क्रमांक A. के अनुसार कम लागत पर कृषि-निविष्टा की आपूर्ति की जाती है। यह हमारे समर्थन और हमारे फार्म्स2होम्स प्रणाली के कारण संभव है।
३.संबंधित एफपीसी द्वारा सदस्य किसानों की सभी कृषि उपज को एकत्रित, संग्रहित, और संसाधित किया जाएगा। यह हमारे ई-कॉमर्स पोर्टल पर उपभोक्ता पैकिंग में एफपीसी के ब्रांड से बेचा जाएगा| इसकी गुणवत्ता का परीक्षण और निर्धारण प्रत्येक बैच की लैब रिपोर्ट द्वारा किया जाएगा। किसान अंततः अपने ब्रांड और एमआरपी के साथ, उनके उत्पाद सीधे शहरी उपभोक्ताओं को बेचेंगे। ४.हमारे मार्गदर्शन में यदि उचित दस्तावेज और रिकॉर्ड रखा जाता हैं, जिसका प्रमाणीकरण उपग्रह और ड्रोन इमेजिंग की मदद से हो रहा हो तो मिलेगी, फसल बीमा दावों की गारंटी| ५.ड्रोन और सैटेलाइट इमेजिंग, फसलों की निगरानी, मौसम और बीमारियों की अग्रिम चेतावनी में बहुत उपयुक्त साबित होती है। किफायती मूल्य पर विशेषज्ञों द्वारा रोग उन्मूलन एवं नियंत्रण पर विशेषज्ञ मार्गदर्शन भी मिलेगा। ६.बहुत कम लागत पर और २४ घंटे में हर एक सदस्यके, हर एक एकड़ कृषि भूमि का मृदा परीक्षण और स्वास्थ्य कार्ड तय्यार होगा। जिससे उस जमिन का जैविक कार्बन %, सामू याने पिएच और विद्युत चालकता, उसमे मौजूद पोषण तत्वोंका % इत्यादी के साथ, हर एक स्वतंत्र फसलों के लिए उर्वरक खुराक की सिफारिशें भी शामिल हैं। ७.कृषि संबंधित विभिन्न विषयों पर संबंधित विशेषज्ञों द्वारा नियमित प्रशिक्षण एवं मार्गदर्शन। ८. आपात स्थिति में, बँक, निधि कंपनियाँ, सहकारी. क्रेडिट सोसायटी आदि के सहयोग से वित्तीय सहायता प्राप्त होगी। ९.कम किस्त पर मेडिक्लेम बीमा। हमारे स्वाभियान कार्यक्रम से सर्वोत्तम परिणाम प्राप्त करने के लिए, हम कृषि वैज्ञानिक, परियोजना और वित्तीय विशेषज्ञों के साथ पेशेवर और प्रौद्योगिकी विशेषज्ञोंके बहुस्तरिय दल बना रहें है।
स्वाभियान (किंकबाज़ार+फ़ार्म्स2होम्स) के उपभोक्ताओं को निम्नलिखित
लाभ मिलेंगे।
१. किंकाबज़ार.इन इस एक ही छत के नीचे सभी प्राथमिक उत्पाद जैसे अनाज, दालें, बाजरा और गुड़, खाद्य तेल सीधे किसान/किसान कंपनियों से उपलब्ध होंगे, इसलिए मिलावट की संभावना न्यूनतम या शून्य होगी।
२. हमारे प्रयास से कइ अनोखे, अती वैशिष्टपूर्ण, विशेष, और भौगोलिक सूचीसे मानांकीत किए गए, पोषण सामग्री से भरपूर, भारतीय मूल के प्राथमिक उत्पाद संपूर्ण भारतभरसे हमारे किंकाबाजार.इन इस पोर्टल पे उपलब्ध कराए गए हैं, और भी कराये जाएंगे।
३. उदाहरण के लिए चावल की किस्में जैसे यूपी की कालानमक, थाईलैंड की व्हाइट थाई जैस्मीन, कश्मीर की मुजुबुद्दीन, ओडिशा की गोविंदभोग, हरियाणा और उत्तराखंड की बासमती, महाराष्ट्र की इंद्रायणी और घनसाल। गेहूं की बंसी, खपाली, सोनामोती, लोकवन, सरबती आदि। ४. सभी प्रमाणित और कल्याणकारी खुराक वर्ग के प्राथमिक उत्पाद, संबंधित जाँच एजंसी द्वारा प्रमाणित रहेंगे या एनएबीएल (भारत सरकार) द्वारा अनुमोदित प्रयोगशाला में विषजन्य अवशेषों, भारी धातुओं, राख, यूरिक एसिड, कवक, तीसरे पदार्थ मिलावट आदि के प्रति बैच प्रतिशत मौजुदगी के परीक्षित किये रहेंगे। ये बैच-वार रिपोर्ट हमारे उपभोक्ताओं को देखने के लिए उपलब्ध रहते हैं। ५. प्रयोगशाला मे परीक्षण किये गये सभी बैच-वार प्राथमिक उत्पाद के अचल जीवन की आयु १ वर्ष तक बढ़ाने के लिए वैक्यूम या नाइट्रोजन पैकींग किया जाएगा। ६. प्रत्येक पैक पर किसान उत्पादक कंपनी का नाम, पता, पैकिंग तिथि, एफएसएसएआई नंबर आदि लिखा होगा।इससे उपभोक्ता को खेती के विशिष्ट स्थान से सीधे जुड़ने में मदद मिलेगी। ७. यह व्यवस्था संबंधित एफपीसी के किसान सदस्यों को अधिक गुणवत्तापूर्ण, विष रहित कृषि उपज पैदा करने पर ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रेरित करेगी, क्योंकि वे सीधे अपने उपभोक्ताओं के प्रति जवाबदेह होंगे। ८. अंततः यह उपभोक्ताओं को शुद्ध, स्वच्छ, विष मुक्त किस्म की कृषि उपज की आपूर्ति की गारंटी देगा। उपभोक्ता को अपने खर्च किये हुए पैसे का मूल्य मिलता रहेगा। ९. किसानों के एफपीसी के लिए प्रतिबद्ध उपभोक्ता आधार बनेगा, जिससे पूंजीवादी व्यापारियों, एजेंटों और बिचौलियों को हटानेंमे आसानी होगी। इससे किसानको किमतमे इजाफा और उपभोक्ता को उसने खर्च किये पैसेका वास्तविक मुल्य मिलेगा। १०. भारतीय ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए समर्पित एक असाधारण विशेष ऑनलाइन ई-कॉमर्स मार्केटिंग मंच किंकाबज़ार.इन की स्थापना हुई हैं। ११. विक्रेताओं के नामांकन के लिए बहुत सख्त सत्यापन प्रणाली। १२. गुणवत्ता नियंत्रण एवं आपूर्ति के लिए आपही कार्यरत रहनेवाली प्रणाली। १३. पूरे भारत से भारतीय कृषि और ग्रामीण कारीगरों से संबंधित व्यापक और विस्तारीत श्रेणी के उत्पादों की उपलब्धता। १४. आपको, पूरे भारत के व्यापक विस्तारीत प्राथमिक उपज के श्रेणीसे भारतीय राष्ट्र निर्माण का विविधता में वास्तविक एकता यह बुनियादी सिद्धांतका सहज अस्तित्व मिलेगा। १५. बिक्री पश्चात तेज़ डिलीवरी के लिए ऑफ़लाइन व्यवस्था। १६. केवल मेक इन इंडिया मूल्यवर्धित उत्पादों को बढ़ावा देकर स्वदेशी के सिद्धांत का अनुप्रयोग। १७. वोकल फॉर लोकल को समर्पित। हम स्थानीय किसान समूहों को बढ़ावा देते हैं। १८. आत्मनिर्भर भारत के संकल्पना में गुणात्मक और संख्यात्मक योगदान।
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